आपके फ़ोन में यदि Paytm ऐप है तो ये ख़बर आपके लिए जरूरी है. Paytm ऐप में एक फ़ीचर है, लेकिन हमारी फ़ाइंडिंग के हिसाब से वो फ़ीचर सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चूक है. अगर आप गाड़ी चलाते हैं तो Paytm का ये फ़ीचर आपका नाम, गाड़ी का इंश्योरेंस पॉलिसी नंबर और इंश्योरेंस कंपनी जैसे संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक कर देता था. और इस फ़ीचर को आप ही नहीं, Paytm इस्तेमाल करने वाला कोई भी ग्राहक ऐक्सेस कर सकता था. बस आपको अमुक व्यक्ति के गाड़ी का नंबर डालना था, और आपकी सभी जरूरी और संवेदनशील जानकारियां सामने. यानी ट्रैफ़िक जाम में फ़ंसे आपके ठीक पीछे गाड़ी लेकर खड़े अनजान व्यक्ति को भी आपके बारे में सबकुछ पता चल सकता था. लल्लनटॉप ने छानबीन शुरू की, Paytm से संपर्क किया तो Paytm ने पहले ऐसे फ़ीचर को नकारा. फिर इस फ़ीचर को बंद किया और कहा कि कंपनी यूज़र की निजता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
Paytm ने आपकी प्राइवेट जानकारी सबके साथ बांट दी, लल्लनटॉप ने सवाल किया तो ये जवाब दिया!
Paytm पर नजर आ रही थी आपकी निजी जानकारी.
दरअसल Paytm ऐप पर एक फीचर आया- My Garage. फीचर की टैग लाइन है 'One stop shop for all your vehicle needs और फीचर आपको दिखेगा इंश्योरेंस के अंदर. देखने में लगता है कि जैसे गाड़ियों का सामान खरीदने का कोई नया जुगाड़ है. लेकिन यहां हुआ बड़ा वाला झोल. जैसे ही आप किसी भी गाड़ी का नंबर डालते तो गाड़ी मालिक का पूरा नाम, इंश्योरेंस पॉलिसी का पूरा नंबर और किस कंपनी का इंश्योरेंस है उसका भी ब्योरा. सब कुछ सेकंड में सामने आ जाता था. किसी भी गाड़ी से मतलब किसी भी. साफ शब्दों में कहें तो राह चलते कोई भी आपकी गाड़ी का नंबर डाल कर आपकी निजी जानकारी देख सकता था.
जो आपको लग रहा हो कि इससे क्या ही बिगड़ जाएगा तो बस कल्पना करके देखिए. एक दिन आप सुबह सोकर उठें और आपका नाम सोशल मीडिया पर चल रहा हो. ब्रेकिंग न्यूज टाइप. करना ही क्या है, बस एक स्क्रीनशॉट लेना है और पोस्ट कर देना है. कुछ भी लिख दो जैसे ये तो चोर है, ये वही है जिसने कल मुझे सड़क पर टक्कर मारी थी. आप देते रहो सफाई. लेकिन वायरल हो गए तो बचना मुश्किल. और आपका पता भी सामने वाले के पास मौजूद है, तो और मुसीबत.
देखा जाए तो गाड़ी नंबर डालकर कुछ जानकारी हासिल करने की सुविधा mparivahan जैसे सरकारी ऐप में भी है, लेकिन वहां सीमित जानकारी मिलती है. सिर्फ इतनी जिससे आपकी निजता का उल्लंघन ना हो. जब भी आप गाड़ी नंबर डालते हैं तो गाड़ी मालिक का नाम छुपा रहता है. इंश्योरेंस के नाम पर सिर्फ उसकी वैधता का जिक्र होता है.
इसके आगे अगर कोई और डिटेल चाहिए तो आपको उस गाड़ी का मालिक होना जरूरी है. कहने का मतलब इंजन नंबर, चेचिस नंबर डालने के बाद ही गाड़ी आगे बढ़ेगी.
अब संभावना ये भी बनती है कि शायद किसी ख़ास हैंडसेट में कोई बग हो, फ़ोन के UI में कोई दिक़्क़त हो, जिस वजह से किसी ख़ास ऐप में ऐसा दिखा रहा हो. मतलब बचाव करने वाले भी ऐसा तर्क दे सकते हैं. लेकिन हमने फ़ोन बदले, paytm अकाउंट बदले, फ़ोन प्लैट्फ़ॉर्म भी बदलकर देखे. हर बार यही हो रहा था.
हमने सारे आंकड़े जुटाकर Paytm से संपर्क किया. निजी जानकारी को सार्वजनिक करने वाले इस फीचर पर हमने उनसे सफाई मांगी. सफाई भी आई और साथ ही पेटीएम ऐप के इस फीचर में कुछ बदलाव कर दिए गए. बदलाव के बाद आपकी कई संवेदनशील जानकारियों को छिपा दिया गया. जो अच्छी बात है.
Paytm ने लल्लनटॉप को भेजे मेल में कहा
“हम पुष्टि कर सकते हैं कि ऐप के माध्यम से किसी भी पॉलिसी धारक की व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी या विवरण तक नहीं पहुंचा जा सकता है और आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारी टीम ने पूरी तरह से विश्लेषण किया है. लाखों लोगों द्वारा विश्वसनीय कंपनी होने के नाते, हम डेटा सुरक्षा के लिए सर्वोच्च सम्मान रखते हैं और हम व्यक्तियों की गोपनीयता की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाते हैं.”
लेकिन अभी ये नहीं पता कि आपका निजी डेटा कितने दिनों से पब्लिक डोमेन में था. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. लेकिन यहां पर ये भी एक बड़ा सवाल है कि जानकारियां Paytm तक पहुंची कैसे? जवाब आगे कभी खोजेंगे.
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