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शार्क टैंक में आए जोड़े ने दिमाग पढ़ने वाली डिवाइस बनाकर ली तगड़ी फंडिंग, एलन मस्क सलाम ठोकेंगे!

एलन मस्क जो अभी तक नहीं कर पाए हों, वो अगर कोई भारतीय कर दे तो कैसा होगा? चौंकिए, क्योंकि ऐसा हुआ है.

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दिमाग पढ़ने वाला डिवाइस बनाकर लिए एक करोड़ रुपये. (तस्वीरें- ट्विटर और Neuralink)

एलन मस्क जो अभी तक नहीं कर पाए हों, वो अगर कोई भारतीय कर दे तो कैसा होगा? चौंकिए, क्योंकि ऐसा हुआ है. 'शार्क टैंक इंडिया सीजन 2' में. एक दंपती एलन मस्क का दिमाग पढ़ने वाला गैजेट जैसा कुछ लेकर आया और कमाल कर दिया. जजों को उनका प्रोडक्ट कुछ समझ नहीं आया, फिर भी पैसा लगाने को तैयार हो गए. आप कहोगे ऐसे कैसे, जज तो सब ठोक-बजा कर चैक करते हैं फिर पैसा लगाते हैं. लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ. क्यों और कैसे वो हम आपको बताते हैं.

दिल्ली का देसी ‘Neuralink’

एलन मस्क की तमाम कंपनियों में एक है ‘Neuralink’. नाम से साफ समझ आता है कि कंपनी इंसान के दिमाग के ऊपर काम कर रही है. तकनीक की भाषा में इसको 'ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस' कहते हैं. अगर आपको इसके बारे में विस्तार से जानना है तो आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं. अपन वापस आते हैं शार्क टैंक सीजन 2 पर. सीजन के 36वें एपिसोड में आए दिल्ली के रिया और भव्य. दोनों एक कंपनी चलाते हैं जिसका नाम है ‘Neuphony’. उन्होंने मिलकर दिमाग का प्रेशर नापने वाली मशीन बनाई है जो देखने में हेलमेट जैसी लगती है. उनकी भाषा में कहें तो आपके ‘ब्रेन का स्मार्टवॉच’.

अजीब सी दिखने वाली इस डिवाइस को सिर पर पहनना होता है. रिया और भव्य का दावा है कि ये डिवाइस आपके ब्रेन की फ्रीक्वेंसी, मतलब EEG (Electroencephalogram) को स्टडी करेगी. इसकी मदद से आप अपना स्ट्रेस, फोकस और मूड भी ट्रैक कर पाएंगे. बोले तो दिमाग में क्या गुलू-गुलू चल रहा या किस बात से भतेरी टेंशन भरी है, सब पता चलेगा. अब इसमें कहीं आपकी गरारी फंसी, मतलब कुछ दिक्कत है तो डिवाइस आपको मेडिटेशन से लेकर गहरी सांस लेने वाले व्यायाम तक बताएगी. इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर म्यूजिक भी सुनाएगी. ये सब होगा आपके स्मार्टफोन में मौजूद ऐप से जो ब्लूटूथ से जुड़ा होगा. 'शार्क एंड स्वीट' मतलब 'शॉर्ट एंड स्वीट' भाषा में कहें तो मेंटल हेल्थ पर फोकस करने वाली डिवाइस. 

ये अभी साफ नहीं है कि ये डिवाइस कितना दिमाग पढ़ेगी. इसकी टेस्टिंग बहुत छोटे स्केल पर हुई है. इसके बावजूद जब रिया और भव्य ने डिमांड रखी तो जजों को टेंशन हो गई.

जजों का दिमाग घूमा

Neuphony के लिए रिया और भव्य को जजों से चाहिए थे एक करोड़ रुपये, 2 प्रतिशत की हिस्सेदारी पर. लेकिन तमाम तरीके के टेस्ट और लाइव डेमो देखने के बाद भी जज थोड़े डाउट में दिखे. डिवाइस कितनी कारगर है, शार्क नमिता थापर के इस प्रश्न पर रिया का जवाब अधूरा सा लगा. डिवाइस की कीमत है 49 हजार रुपये, जिसको सुनकर तो सारे जज ही आंखे फाड़ते नजर आए. शार्क अनुपम को तो इसमें कोई बिजनेस ही नजर नहीं आया. पीयूष को प्रोडक्ट थोड़ा Gimmicky मतलब तिकड़म वाला लगा. इतने के बाद तो सीधे टाटा-बाय-बाय होना चाहिए था. लेकिन शो तो है ही आइडिया पर दांव लगाने वालों का. 

पहले नमिता ने 6.66 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए एक करोड़ का ऑफर दिया. बाद में अनुपम भी शामिल हो गए. अब एंट्री मारी बोट वाले अमन गुप्ता ने. उन्होंने पीयूष के साथ मिलकर एक करोड़ का ऑफर तो दिया ही, बाद में लगने वाली लागत के लिए भी हामी भरी. थोड़ी माथापच्ची के बाद रिया और भव्य ने 18.5 करोड़ की वैल्यू पर एक करोड़ की फंडिंग उठा ली.

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