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शार्क टैंक इंडिया में आई इस स्मार्टवॉच ने ऐसा क्या गजब किया, जो तुरंत फंडिंग मिल गई?

पहले कीमत को लेकर बात फंस गई थी.

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शार्क टैंक का दूसरा सीजन आ चुका है. (image credit- Watchout Wearable twitter)

शार्क टैंक इंडिया का सीजन 2 (Shark Tank India 2) स्टार्ट हो चुका है. नए-नए आइडिया लेकर लोग शो में आ रहे हैं. कुछ बेहद अजीब और कुछ सच में बहुत दिलचस्प किस्म के आइडिया. ऐसे ही एक आइडिया लेकर आए मुंबई के अभिषेक बहेती. अभिषेक ने बच्चों के लिए एक स्मार्टवॉच ( Watchout Wearable Next-Gen Smartwatch) बनाई है. स्मार्टवॉच तो पहले से ही मार्केट में उपलब्ध हैं, तो अभिषेक की वॉच में आखिर ऐसा क्या है? जजों को कितनी पसंद आई और फंडिंग मिली या नहीं? ये सब हम आपको बताएंगे और साथ में कुछ और तरीके भी, जिनसे आप अपने बच्चों की सेफ़्टी पुख्ता कर सकते हैं.

मुंबई के रहने वाले अभिषेक अपने भतीजे के साथ शार्क टैंक इंडिया में आए थे. दरअसल, उनके घर में हुए एक हादसे ने उनको बच्चों के लिए स्मार्टवॉच डिजाइन करने के लिए प्रेरित किया. Watchout Wearable की मदद से पेरेंट्स अपने बच्चों की ऐक्टिविटी ट्रैक कर सकते हैं. उनको वीडियो और ऑडियो कॉल कर सकते हैं. स्मार्टवॉच की खास बात ये है कि ये एक सिम सपोर्ट करने वाली वॉच है. कहने का मतलब किसी भी 4G इनेबल सिम को इसमें इन्सर्ट किया जा सकता है. 

आमतौर पर स्मार्टवॉच सिर्फ ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ आती हैं. Watchout Wearable बच्चों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, इसलिए बच्चे चाहें तो पॉवर बटन को 3 सेकंड दबाकर SOS (इमरजेंसी) अलर्ट भेज सकते हैं. अगर बच्चा खुद या कोई दूसरा वॉच को कलाई से अलग करेगा तो पेरेंट्स को तुरंत उसका नोटिफिकेशन मिलेगा. आपके मन में सवाल होगा कि अगर बच्चे को मस्ती सूझी और वो बार-बार पेरेंट्स को कॉल करने लगो तो? इसके लिए है क्लास मोड. इसके बाद सिर्फ मां-बाप ही कॉल कर सकेंगे. हालांकि, बच्चा मुसीबत में होने पर SOS अलर्ट भेज सकता है.

फीचर्स की बात हो गई और अब बात जजों के रिएक्शन की. शो के सारे जजों को Watchout Wearable एक आइडिया के तौर पर तो सभी को पसंद आया लेकिन कीमत की वजह से थोड़े कन्फ्यूज़ नजर आए. अभिषेक के मुताबिक उनकी स्मार्टवॉच की कीमत है 10 हजार रुपये. जजों को ये काफी ज्यादा लगी. उनके मुताबिक, क्योंकि वॉच 6-13 साल के बच्चों के लिए ही बनाई गई है तो इसका यूजर ग्रुप कम है. ऐसे में अगर इसका दाम 2-3 हजार के बीच होता तो अलग बात होती. लेकिन आखिर में उनको फंडिंग मिल ही गई. Shadi.com वाले अनुपम मित्तल और Sugar Cosmetics वाली विनीता सिंह ने उनकी कंपनी में निवेश किया.

वैसे अगर आप बच्चों की सिक्योरिटी को लेकर फिक्रमंद हैं तो और सिर्फ स्मार्टवॉच पर पैसे नहीं खर्च करना चाहते तो और भी कई तरीके हैं, जिनसे आप उनकी ऐक्टिविटी ट्रैक कर सकते हैं. हालांकि, इनके लिए भी आपको स्मार्टफोन या दूसरे ट्रैकिंग डिवाइस की जरूरत पड़ेगी. आप Guardians from Truecaller ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐप लोकेशन शेयरिंग से लेकर मुसीबत में अलर्ट करने जैसे कई फीचर उपलब्ध कराता है. गूगल मैप्स पर लाइव लोकेशन ट्रैक करके भी ऐसा किया जा सकता है. 

Guardians (image-google play)

केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर कई ऐसे ऐप्स उपलब्ध कराती हैं, जो मुसीबत में काम आते हैं. ये ऐप वैसे तो महिलाओं की सेफ़्टी को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, लेकिन इनका उपयोग बच्चों और दूसरों की सुरक्षा के लिए किया जा सकता है. अगर घर में बच्चों पर निगरानी रखनी है, तो पुराने स्मार्टफोन को कैमरे में बदलकर ऐसा किया जा सकता है. अगर आपके पास है ऐप्पल का आईपैड और आईफोन तो फेसटाइम को भी कैमरे की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. आपको बस सेटिंग्स में जाकर ऑटो कॉल पिक फीचर को इनेबल करना होगा.       

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