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आंखें खुलीं, दिमाग मजबूत, 1930... UPI फ्रॉड से बचने के सबसे कारगर तरीके जानें

सरकारी रिपोर्टें देखेंगे तो पता चलेगा साइबर ठगों का नया टारगेट UPI पेमेंट है.

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UPI पेमेंट करते समय कुछ बेसिक्स का ध्यान रखें. (तस्वीर: इंडिया टुडे)

2020-21 में 77 हजार, 2021-22 में 84 हजार और 2022-23 में 95 हजार. ये बढ़ते हुए आंकड़े UPI से होने वाले फ्रॉड के हैं जो सरकार ने जारी किए हैं. लगता है साइबर ठगों का नया टारगेट UPI पेमेंट है. वैसे इसमें कोई आश्चर्य भी नहीं, क्योंकि आज की तारीख में डिजिटल पेमेंट का सबसे सरल और आसान तरीका भी यही है. क्यूआर कोड स्कैन करो और काम हो गया. शायद यही जल्दबाजी फ्रॉड की एक बड़ी वजह बन रही है. अब UPI पेमेंट तो बंद नहीं कर सकते, लेकिन कुछ बेसिक सावधानियां जरूर रख सकते हैं. ऐसा करने से फ्रॉड से बचने में मदद मिल सकती है.

कैमरे के साथ आंख भी खुली रखें

UPI से पेमेंट करते समय ये सावधानी रखना बहुत जरूरी है. भले आप क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट कर रहे या फिर मोबाइल नंबर पर. स्क्रीन पर नाम किस व्यक्ति या बिजनेस का नाम आ रहा, वो जरूर देख लें. बोले तो पूछ लीजिए कि भैया स्क्रीन पर जो नाम दिख रहा, उसी पर पेमेंट करना है ना. हाल के दिनों में ऐसा ही एक मामला सामने आया था जहां एक दुकान पर क्यूआर कोड बदल दिया गया था. यहां पेमेंट करने वाले ने कोई गलती नहीं की और ना रिसीव करने वाले ने. लेकिन फ्रॉड करने वाले ने अपना काम कर दिया. किसी नई जगह पर पेमेंट करते समय तो इसका विशेष ध्यान रखें.

दिल पिघलाओ दिमाग नहीं

बहुत अजीब सी सलाह है लेकिन काम की है. आजकल UPI पेमेंट के नाम पर होने वाला ये अनोखा फ्रॉड है. होगा ये कि आपके अकाउंट में कहीं से कुछ पैसे ट्रांसफर होंगे और फिर एक कॉल आएगी. सामने से रोते-गाते, मम्मी की बीमारी, बहन की शादी, भाई के एक्सीडेंट की दुखभरी कहानी सुनाई जाएगी. आपसे रकम वापस करने के लिए कहा जाएगा. यहां आपका दिल पिघलेगा और आप रकम वापस करने के लिए हामी भर देंगे. इसके आगे खेला होगा, क्योंकि फिर आपको एक क्यूआर कोड मिलेगा और कहानी खत्म. जैसे हमने कहा दिल पिघलने दीजिए दिमाग नहीं. किसी के पैसे वाकई आपके पास आ गए हैं तो उसका अकाउंट नंबर लेकर NEFT कीजिए या फिर बैंक में जमा कीजिए. अगर आपको ये नहीं करना तो सामने वाले से कहिए कि अपने बैंक जाओ और शिकायत करो. आगे बैंक संभाल लेगा.

सेफ़्टी की हर लेयर का इस्तेमाल

UPI ऐप में आपको जितने भी सेफ़्टी फीचर मिल रहे, सभी का इस्तेमाल करें. 4 की जगह 6 अंकों का पासवर्ड इस्तेमाल करें. स्क्रीन लॉक, फेस लॉक, फिंगर प्रिन्ट लॉक, जो भी आपका स्मार्टफोन सपोर्ट करता हो, सभी अमल में लाएं. अगर संभव हो तो UPI ऐप के साथ सिर्फ एक अकाउंट लिंक करें. अगर कुछ गड़बड़ हुई भी तो शातिर अपराधी सिर्फ एक अकाउंट का एक्सेस हासिल कर पाएंगे.

1930 सेव करें 

सारे काम छोड़कर स्मार्टफोन में इस नंबर को सेव करें. अगर आपके साथ ठगी हो जाती है तो जितनी जल्दी हो सके 1930 पर कॉल करें. ये National Cyber Crime Reporting Portal का नंबर है.

 आप जितनी जल्दी शिकायत करेंगे, रकम वापस मिलने के चांस उतने बढ़ेंगे. 

वीडियो: अब UPI पेमेंट पर 1 अप्रैल से पैसे कटेंगे? आसान भाषा में पूरा सच जान लीजिए