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पहले से ही ऑन फोन की ये सेटिंग्स तुरंत बंद कर लो, नहीं तो तगड़ा नुकसान हो जाएगा!

इनको ऑन रखने से कोई फायदा भी नही है.

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सांकेतिक फोटो.

एंड्रॉयड स्मार्टफोन (Android Smartphone) का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ सेटिंग्स के बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. ये सेटिंग्स आपको कई तरीके के नुकसान से बचा सकती हैं. इतना ही नहीं, दोस्तों और साथियों के मजाक से भी बचा सकती है. अगर ये जानकर भी आपका दिल नहीं भरा, तो ये सेटिंग्स आपको स्क्रीन पर जब-तब आने वाले बेकार के विज्ञापनों से भी मुक्ति दिला सकती हैं. अब आप कहेंगे कि इतना सब है, तो जल्दी बताओ. हम भी सेटिंग्स ऑन करते हैं. अब यहीं तो पेच है. ऑन नहीं बल्कि ऑफ करनी हैं ये सेटिंग्स. कैसे और कौन सी, वो हम आपको बताते हैं.

नोटिफिकेशन पैनल ऑफ

अगर गौर से देखें, तो ये फीचर वैसे भी कोई खास काम का नहीं है. कहने का मतलब, अगर आप स्मार्टफोन के लॉक होने पर स्क्रीन के ऊपर से स्वाइप करें तो नोटिफिकेशन से लेकर तमाम क्विक पैनल सामने आ जाते हैं. कहने तो तो सुविधाजनक है, लेकिन ऐसा कितनी ही बार होता होगा जब आप लॉक स्क्रीन से ही वापस फोन पॉकेट में रख लेते होंगे. ऐसे में ये सेटिंग कितने काम की है, वो हम आप पर छोड़ते हैं लेकिन नुकसान कैसे करा सकती हैं वो जरूर जान लीजिए. अब पैनल ऑन है और फोन किसी के हाथ लगा या फिर चोरी हुआ तो पूरी संभावना है कि सबसे पहले नेटवर्क ऑफ किया जाए. आगे क्या होगा, उसका अंदाजा आपने लगा लिया होगा. इसलिए इस सेटिंग को बंद रखिए.

# इसके लिए आपको एंड्रॉयड स्मार्टफोन की सेटिंग्स का रुख करना होगा.

# उदाहरण के लिए सैमसंग है तो ‘Lock screen -Secure lock settings’ और शाओमी है तो “Notifications And Control Center” में Control Center.

# क्विक सेटिंग पैनल ऑफ कर दीजिए

# वैसे ये सेटिंग्स आपके स्मार्टफोन के हिसाब से अलग-अलग जगह हो सकती हैं, लेकिन मिलेगी सेटिंग्स के अंदर

विज्ञापन सेटिंग्स बंद

अब ये तो आपको अच्छे से पता है कि कैसे कंपनियां आपकी एक्टिविटी को ट्रैक करती हैं और फिर उसके आधार पर आपकी स्क्रीन पर विज्ञापन परोसते हैं. अब इससे पूरी तरह बचने का कोई उपाय तो है नहीं. मतलब. गूगल आपसे तो एक धेला लेता नहीं ऐसे में कहीं से कमाई तो करेगा ही. लेकिन एक सेटिंग ऑफ करने के बाद आप काफी हद तक इससे बच सकते हैं. गूगल सेटिंग में ऐड (Ads) को बंद कर दीजिए. दरअसल, डिवाइस पर आपकी एक ऐड आईडी होती है, अगर उसको रीसेट किया जाए तो कम से कम आप टारगेट वाले विज्ञापन से बच सकते हैं.

# स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाकर गूगल पर टैप कीजिए

# Reset advertising और Delete Advertising का ऑप्शन आपके लिए है.

Usage and Diagnostics को ऑफ रखना है

अब यहां तक आ गए हैं, तो Usage and Diagnostics पर भी नजर डाल लीजिए. इसके नाम में ही सब छिपा हुआ है. इधर से गूगल बाबा आपकी हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं. जैसे कौन सा ऐप इस्तेमाल करते हैं और कितना करते हैं. मतलब सारी कुंडली. गूगल वैसे भी आपके बारे में बहुत कुछ जानता है, ऐसे में थोड़ा कम जाने तो ठीक. इस ऑप्शन को ऑफ रखेंगे तो बेहतर.

वाईफाई स्कैन बंद

वाईफाई कोई रोज-रोज ऐड करता है क्या? कहने का मतलब, आमतौर पर स्मार्टफोन का वाईफाई ऑफिस या घर से एक बार कनेक्ट कर दिया तो फिर काम खत्म. इसलिए वाईफाई और ब्लूटूथ स्कैन बंद रखिए. ये ऑन रहता है तो लगातार वाईफाई और ब्लूटूथ डिवाइस सर्च करता है. बैटरी पर तो असर पड़ता ही है साथ में हैकर्स के लिए भी माकूल जुगाड़ के चांस बनते हैं.

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इसे वाईफाई और ब्लूटूथ का भाई कह सकते हैं, लेकिन फ़ाइल शेयर के लिए. अब इसके ऑन रहने से क्या ही फायदा होगा? इसलिए जब जरूरत हो तब ऑन रखिए वरना ऑफ. फायदा क्या होगा, वो आपको पता ही होगा.  

वीडियो: एंड्रॉयड 13 फीचर: नोटिफिकेशन की घंटी आपकी मर्जी से, अलग-अलग ऐप्स के लिए अलग भाषा