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गुड नॉइज़, बैड नॉइज़ सुनी होगी, White Noise के बारे में जानते हैं आप?

आवाज के साथ तकनीक का इस्तेमाल कमाल कर रहा है.

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जिंदगी जीने के नए नवेले तरीके को व्हाइट नॉइज कहा जाता है. (image-pexels)

व्हाइट कॉलर जॉब और व्हाइट बॉल क्रिकेट के नाम आपने सुने होंगे. लेकिन क्या आपने White Noise सुना है. हिन्दी में अर्थ निकालें तो सफेद आवाज. दरअसल हिन्दी के सीधे सपाट अर्थ से अलग इसका मतलब है सुकून देने वाली आवाज. व्हाइट नॉइज़ मतलब सुकून देने वाली आवाज. लेकिन ये आती है जरा अलग जगह से. वाशिंग मशीन की घरघराहट से लेकर पंखे की फरफराहट और झींगुर का झरझराहट कैसे तब्दील हो रही है सुकून की आवाज में. पता चलेगा आपको आज की स्टोरी में.

पॉडकास्ट इस समय पूरी दुनिया में अपने शबाब पर है. अपने देश में भी इसके कद्रदान लाखों में हैं. ब्रॉडकास्टिंग के इसी तरीके में कुछ नए प्रयोग हो रहे हैं. सुकून भरी जिंदगी जीने के लिए इस नए नवेले तरीके को व्हाइट नॉइज कहा जाता है. कमाल बात ये है कि ऐसी आवाजें, ध्वनि प्रदूषण से परेशान, अनिद्रा से पीड़ित लोगों को ध्यान केंद्रित करने, शांत रहने और सुकून भरी नींद लाने में खूब मदद कर रही हैं. कैसे होता है ये सब वो जानने के पहले जरा साउंड की ध्वनि को समझते हैं.

"व्हाइट नॉइज़" शब्द "व्हाइट लाइट" से निकला है; जैसे सफेद प्रकाश सभी वेभलेंथ का मिश्रण है वैसे ही तरंग दैर्ध्य का मिश्रण है, व्हाइट नॉइज़ सभी सुनी जा सकने वाली ध्वनियों का कॉकटेल है. इंसान के कान 20 हर्ट्ज से 20000 हर्ट्ज तक की आवाज को सुन सकते हैं. आवाज के लिए जो पैमाना है उसको कहते हैं डेसीबल. अब फर्ज कीजिए किसी भी साउंड को नियंत्रित करके एक तय पैमाने पर सुनाया जाए तो वो सुकून देगा. अंग्रेजी में इसी को कहते हैं soothing और जब यही आवाज किसी एयर कंडीशनर से, हेयर ड्रायर से या फिर रेडियो से एक रिधम में पैदा हो तो वो कहलाएगी व्हाइट नॉइज़.

अब जो आपके मन में सवाल होगा कि ऐसी आवाजें किसको पसंद होंगी तो जनाब आवाज से इतर सूंघने के उदाहरण से समझते हैं. एक ही घर में आपको ऐसे लोग मिल जाएंगे जिनको पेट्रोल की स्मेल खुशबू जैसी लगेगी तो दूसरे को फूटी आंख या कहें फूटी नाक नहीं सुहाएगी. देसी फ़िनाइल की स्मेल किसी को बहुत पसंद होती है तो किसी को बेकार लगती है. कहने का मतलब ऐसा संभव है कि जो साउंड आपको बुरा लगे वो किसी दूसरे के लिए सुहानी नींद का बहाना बन सकता है.

व्हाइट नॉइज़ बनती कैसे है?

पॉपुलर वीडियो और ऑडियो प्लेटफॉर्म पर इनके कई सारे ऐप्स हैं. वैसे अमूमन कारों, कंस्ट्रक्शन या कुत्ते को भौंकने की आवाज को ढंकने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन पॉडकास्ट के बढ़ते बाजार ने इनका गेम बदल दिया. AI की मदद से आर्टिफिशियल से लेकर नेचुरल आवाजों को नियंत्रित किया गया. अमेरिकी कारोबारी टोड मूर जो पिछले 12 साल से ऐसी आवाजें रिकॉर्ड कर रहे हैं. वो बताते हैं कि पहले पहल मैंने अपने पंखे की आवाज अपने आईफोन में रिकॉर्ड की. अब कोई आवाज फोन में है तो उसको कहीं भी सुना जा सकता है. जैसा हमने पहले बताया कि हर किसी की अपनी पसंद तो ये समझने में कोई मुश्किल नहीं होनी चाहिए कि मूर को अपने पंखे की आवाज बहुत पसंद थी. मूर ने अपने आराम को बदला एक ऐप में और 2009 में व्हाइट नॉइज लाइट नाम से एक फ्री ऐप बाजार में उतारा. एयर कंडीशनर की आवाज से लेकर झींगुरों की आवाज़. बारिश और प्रकृति की दूसरी आवाज़ें भी रिकॉर्ड की. मूर अकेले नहीं हैं बल्कि सेलेस्टियल व्हाइट नॉइज से लेकर 'व्हाइट नॉइज फॉर बेबीज टू स्लीप' जैसे कई पॉडकास्ट हैं. बताने की जरूरत नहीं कि इनके व्यूज करोड़ों में हैं. कुछ मिनट से लेकर 10-10 घंटे तक के व्हाइट नॉइज़ इन पर मौजूद है. 

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